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Monday, December 5, 2011

~~ " " Dost ! College Ke Din " " ~~

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                                                      * Read poem for your best Friend .*



"
दोस्त ! कितने हसीन थे वो शुरुआती दिन मेरे, जब मै इस कॉलेज आया,
मिले वो कुछ लम्हे जिसे हँसते, खेलते, चिल्लाते तेरे साथ था बिताया || 


इतनी हसीन होती है ये कॉलेज लाइफ,
इसके पहले क्या और इसके बाद क्या था,
नहीं मिलते इतने मस्ती के वो दिन,
नहीं मिलते इतने हसीन वो दोस्त,
इतनी सारी मस्ती होती थी अपनी,
आज तो बस कल की यादें बन गयी है यार |


दोस्त ! याद है तुझे वो दिन हाथ लिए में हाथ, मेरे साथ तू कॉलेज आया,
मिले वो लम्हे जिसे हमने पढने, घूमने, खेलने मे एक साथ था बिताया ||


इतनी हसीन थी वो दुनिया अपनी कॉलेज की,
क्लास मे वो मस्ती और लेचर की बंक क्या थी,
साथ मे लंच करना, बोर्ड, वाल पर कुछ लिखना,
कोरिडोर मे गप्पे लगाना, लैब मे वो नेट चलाना .. 
क्लास मे वो बंचेस बजाना , तो फेकल्टी के ताने पाना,
कभी कॉलेज लेट आना, साथ बैठ वो असाइंमेंट बनाना यार |


दोस्त ! तू ही साथ था हर पल वो मेरे, मेरी कॉलेज लाइफ मे था तू आया, 
मिले वो लम्हे और एक साथी यहाँ, क्या कुछ हमने साथ नहीं था बिताया||


इतनी सारी बातें यादें साथ थी, वो एक्साम की रात थी,
दी साथ वो एक्साम थी और रिजल्ट मे हुए कैसे क्या पास, 
साथ गाने गाना ,पुराने गाने बजाना और वो नाइट डांस,
ऑल नाइट पढाई और कभी जमकर होती थी लड़ाई,
बाइक पर मस्ती,  होर्न बजाना और साथ घूमने जाना,    
कभी साथ तेरे पानीपुरी, समोसे, कचोरी रोज़ खाना यार |


दोस्त! ख़ुशी मस्ती का पल हमने पाया, कॉलेज डेज तक साथ तू आया ,   
मिले वो पल ये समय बीत रहा,लिखते लिखते ये शब्द अश्रु से भीग गया||


इतना छोटा सा नहीं था अपना वो कॉलेज का जमाना, 
बहाना तो हमको आता था उस वक़्त भी क्या बनाना,
याद है वो पार्टी वो खाना, वो दिन रात कॉलेज की गप्पे लगाना,
किस्मत से मिला मुझे, एक खूबसूरत अजीब था वो नमूना  ..
मिला था मुझे वो प्यार, मेरे हदय से जुड़ा जिसके दिल का तार  ..
अब और नहीं लिखा सकता, साथ तेरा भूल नहीं सकता मेरे यार.. 


दोस्त ! मेरे यार तू एक किताब था, जो मेरे दिल के पन्ने बन पाया..
याद जब आये मेरी बस पन्ने पलटना, करीब अपने तू भी मुझे पायेगा ||  
मुझे सही रास्ता था तूने दिखाया, आज भी मुझे बस तू ही याद आया..
कहीं भी जाये तू ये कॉलेज और ये जमाना मुझे हमेशा याद आयेगा ||


दोस्त ! मेरे ये कॉलेज का हर दिन, बीत जाये बस तू याद आयगा ..
किताब के पन्ने सा बसा तू मेरे दिल मे, मुझे कैसे तू भूल पायेगा ||
तू कभीं भी जाकर कितना भी बड़ा हो, बस तू ही याद आयगा .. 
तू मुझे हमेशा याद आएगा ये कॉलेज हमेशा मुझे याद आयगा ||
"

One poem from my collection to those who have best friends in life.. 
This poem is specially Dedicated to my best friends who came in my life during my graduation..
I really miss my best friends many time when they don't in my touch ..
this is my thought , feeling for them as where i can think and write ..
Love you friend.. With this poem
--koustbh Sapre--

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